tag:blogger.com,1999:blog-6190860441246547232.post4170722796882521905..comments2024-02-04T14:09:59.513+05:30Comments on डायरी: सब कुछ कभी कहा नहीं जायेगा.Punj Prakashhttp://www.blogger.com/profile/13508235479639115507noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-6190860441246547232.post-64528676390413920212012-10-26T22:16:40.618+05:302012-10-26T22:16:40.618+05:30This comment has been removed by the author.Punj Prakashhttps://www.blogger.com/profile/13508235479639115507noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6190860441246547232.post-71516696316065415902012-10-13T22:25:30.601+05:302012-10-13T22:25:30.601+05:30ज़रूर. कोशिश करतें हैं. जल्द ही आपको कुछ उस पुस्तक...ज़रूर. कोशिश करतें हैं. जल्द ही आपको कुछ उस पुस्तक से कुछ बेहतरीन पढाने को मिलेगा.Punj Prakashhttps://www.blogger.com/profile/13508235479639115507noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6190860441246547232.post-74189556157585081192012-10-13T16:49:19.197+05:302012-10-13T16:49:19.197+05:30छोटा सा.. मगर कहने में बहुत बड़ा लेख लगा ये मुझे.....छोटा सा.. मगर कहने में बहुत बड़ा लेख लगा ये मुझे.. और "हास्ट्र बीनेक" की कविता बहुत ही अच्छी है.. अगर उस संग्रह से बाकी की अन्य रचनाएँ भी ब्लाग में दे सकें तो बहुत ही बढ़िया रहेगा.. उस अनुपलब्ध पुस्तक की कुछ बेहतरीन और चुनिन्दा रचनाओं को पढ़ पाने का लाभ हमें भी मिल सकेगा आपकी वजह से... मैं आपके द्वारा लिखे गए ब्लाग, रपट, लोचना-आलोचना या इसी तरह की अन्य सामग्रियों पर हर बार प्रतिक्रिया नहीं दे पाता हूँ.. मगर उन्हें पढ़ता ज़रूर हूँ और पसंद भी करता हूँ आपके काम को..<br />प्रतिक्रिया न दे पाने के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ...<br />उम्मीद है की उस संग्रह से जल्द ही आप हमें जर्मन लेखकों के गद्य, पद्य एवं निबन्धों का रसास्वादन करवाएंगे..<br />बहुत शुक्रिया आपका पुंज भाई...animesh shrivastavahttp://www.facebook.com/animeshshrivastava25noreply@blogger.com